बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि जब तक ‘आंदोलनजीवी’ और ‘आंदोलनकारी’ विभिन्न कारणों से विरोध करते रहेंगे लोकतंत्र की भावना जीवित रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर समाज में आंदोलन कम हो जाता है तो इसका मतलब है कि गरीबों के खिलाफ उत्पीड़न बढ़ गया है। केसी त्यागी एक पुस्तक ‘आंदोलनजीवी’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
जेडीयू प्रवक्ता ने अपने संबोधन में खुद को ‘आंदोलंकारी’ बताया और कहा कि वह जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, जॉर्ज फर्नांडीस जैसे समाजवादी नेताओं को नमन करते हैं, जिन्होंने उन कारणों का विरोध किया जो भारतीय लोगों के हितों से परे थे।
केसी त्यागी ने कहा, “मैं एक आंदोलनकारी हूं। मैं कहता हूं कि ‘आंदोलनजीवी’, ‘आंदोलनकारी’ और ‘आंदोलनबाज’, जब तक वे विभिन्न कारणों से विरोध करते रहेंगे लोकतंत्र की भावना जीवित रहेगी। अगर समाज में आंदोलन कम हो जाता है, तो तो इसका मतलब है कि गरीबों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है। विरोध करने वालों की संख्या कम हुई है और उनकी इच्छा शक्ति कम हो गई है।”
त्यागी ने कहा कि समाजवादी हमेशा सामाजिक असमानता के विरोध में सक्रिय रहे हैं। आजादी के कुछ वर्षों के बाद उनमें से एक समूह ने इलाहाबाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के काफिले के सामने विरोध भी किया था। उन्होंने पिछले कुछ दशकों में समाजवादी नेताओं द्वारा कई अन्य विरोधों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ‘देश की जनता भुखी है, ये आजादी झूठी है’ जैसे नारे लगाए।
वहीं, कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने अपने भाषण में किताब के शीर्षक में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हालिया किसान आंदोलन के संदर्भ में ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का व्यंग्यात्मक तरीके से इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रतिष्ठान का विरोध करते हैं, उन्हें इस तरह से जवाब देना चाहिए जिससे मामले की गंभीरता खत्म न हो।
फरवरी 2021 में राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने पेशेवर प्रदर्शनकारी के पनपने की निंदा की थी, जिसे हर आंदोलन में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा था, “ये परजीवी हर आंदोलन पर दावत देते हैं।”
पत्रकार विनोद अग्निहोत्री द्वारा लिखी गई इस पुस्तक का विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दिग्गज नेता और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल होने वाले थे, लेकिन नहीं हो सके।
अपने संबोधन में मुरली मनोहर जोशी ने किसी भी देश के विकास के लिए कृषि और किसानों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि के विकास और औद्योगिक क्रांति में अन्य प्रगति की बात की और कहा कि कृषि एकमात्र प्रणाली है जिसकी जड़ में हिंसा नहीं है।
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