तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर गए पीएम नरेन्द्र मोदी सोमवार सुबह जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे। पीएम मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्काल्ज से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह कई बिजनेस लीडर्स से भी मिलेंगे। पीएम का यहां एक संबोधन का भी कार्यक्रम है।
बर्लिन पहुंचने पर पीएम ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में अपने कार्यक्रम की जानकारी दी है। मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती मजबूत होगी।’
Landed in Berlin. Today, I will be holding talks with Chancellor @OlafScholz, interacting with business leaders and addressing a community programme. I am confident this visit will boost the friendship between India and Germany. pic.twitter.com/qTNgl8QL7K
पीएम मोदी का जोरदार स्वागत
पीएम मोदी ने बर्लिन में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। मोदी होटल एडलान केम्पिंस्की पहुंचे। इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए गए।
बता दें कि पीएम मोदी रविवार देर रात जर्मनी के लिए रवाना हुए थे। पीएम मोदी इस दौरान तीन देशों के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात करेंगे। इससे पहले रविवार शाम प्रधानमंत्री ने अपने तीन दिवसीय यूरोपीय दौरे की जानकारी दी। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उनका यूरोप दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और उसके पास चुनाव के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि शांति और समृद्धि की भारत की चाह में यूरोपीय देश प्रमुख साझेदार हैं। वे भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं।
डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे पीएम
पीएम मोदी जर्मनी के बाद डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर तीन और चार मई को कोपेनहेगन की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और द्वितीय भारत-नार्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति से भी करेंगे मुलाकात
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी फ्रांस में रुकेंगे। मोदी वहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। बता दें कि इस साल प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पीएम मोदी की यूरोपीय यात्रा पर एक ट्वीट में कहा, ‘यह यात्रा साझेदारी को गहरा करने, रणनीतिक अभिसरण का विस्तार करने और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर समन्वय बढ़ाने का अवसर है।’