बिहार की राजनीति के लिए अगले 48 घंटे हैं बेहद अहम, टूट सकता है BJP-JDU गठबंधन

बिहार की राजनीति के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलकर महागठबंधन के साथी बन सकते हैं. सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है. सूबे में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टूट सकता है. बीजेपी को छोड़कर तमाम बड़े दलों ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. ए२वेद्व

कांग्रेस के बिहार प्रभारी पटना रवाना हो चुके हैं. जेडीयू ने अपने सभी सांसदों को सोमवार शाम तक पटना आने को कहा है. जबकि कांग्रेस ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है. वहीं आरजेडी ने अपने तमाम विधायकों को अगले 3-4 दिनों तक पटना में रहने का आदेश दिया है.

2017 में महागठबंधन से अलग हुई थी जेडीयू

मंगलवार शाम 6 बजे आरजेडी ने 10 सर्कुलर रोड यानी राबड़ी देवी के आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में बिहार के बदलते राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा हो सकती है. बता दें कि साल 2017 में महागठबंधन से अलग होकर जेडीयू एनडीए में शामिल हुई थी. साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन बना था, तब जेडीयू ने उसी के साथ सरकार बनाई थी.

इससे पहले रविवार को जेडीयू ने कहा था कि उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. दरअसल, जेडीयू ने दो मंत्री पद की मांग की थी, जिसे बीजेपी ने खारिज कर दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि यह फैसला बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन को प्रभावित नहीं करेगा.

बीजेपी-जेडीयू में खटास!

राज्य के शिक्षा मंत्री और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा, हम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे. जेडीयू को भाजपा से सम्मान की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए हमने नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि यह फैसला बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन को प्रभावित नहीं करेगा.

चौधरी का बयान बिहार में जेडीयू और भाजपा के बीच खटास का संकेत है और यही कारण हो सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी बनाए हुए हैं. उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा भी नहीं लिया.

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