केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि कई राज्यों में लंबे समय तक मानसून और कुछ राज्यों में औसत से अधिक बारिश के चलते 725 सड़क परियोजनाएं निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि बिल्ड-आपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) परियोजनाओं की तरह सभी विलंबित परियोजनाओं में अतिरिक्त लागत का प्रभाव प्राधिकरण पर नहीं पड़ता है, क्योंकि परियोजनाओं की लागत में होने वाली वृद्धि का वहन ठेका लेने वाली कंपनी वहन करती है।
ग्रीन हाईवे पालिसी के तहत लगाया जा रहे पेड़
हालांकि अगर प्राधिकरण के चलते परियोजनाओं में देरी होती है तो अनुबंध की शर्तों के अनुसार मूल्य वृद्धि का भुगतान ठेका लेने वाली कंपनी को किया जाता है। एक अन्य सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने ग्रीन हाईवे पालिसी के तहत 2016 से फरवरी 2023 तक 344.27 लाख पेड़ लगाए हैं।
विश्व बैंक ने कई राज्यों से किए समझौते
नितिन गडकरी ने राज्यसभा में ही बताया कि केंद्र सरकार और विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 781 किलोमीटर ग्रीन हाईवे कारिडोर परियोजना के लिए एक समझौते हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना 7,662.47 करोड़ रुपये होगी, जिसमें विश्व बैंक 50 करोड़ डालर की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा।