अमरनाथ हादसा: 41 लापता श्रद्धालुओं का अब तक कोई पता नहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

श्रीनगर: पहलगाम के बाद आज बालटाल के रास्ते भी अमरनाथ यात्रा आरंभ हो सकती है। 8 जुलाई को पवित्र गुफा के पास बादल फटने के बाद बाढ़ आ गई थी। हादसे में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 41 लोगों का अब भी कोई पता नहीं चल पाया है। रेस्क्यू टीम (Rescue Team) तीन दिनों से हादसे वाले इलाके में तलाशी अभियान चला रही है। amarnath yatra

बता दें कि शुक्रवार (8 जुलाई) को आई तबाही के बाद अमरनाथ यात्रा रोक दी गई थी। अब तीर्थयात्रियों के लिए पहलगाम का मार्ग खोल दिया गया है। बाबा के भक्त पहलगाम और बालटाल के माध्यम से अमरनाथ गुफा तक पहुंचते हैं। अभी, एहतियातन बालटाल को बंद रखा गया है। पवित्र अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बता दें कि, अमरनाथ श्राइन बोर्ड, वार्षिक अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन करता है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा इसके अध्यक्ष हैं। इस बीच जोखिम वाली जगह पर तीर्थयात्री शिविर लगाने के आरोपों पर राजभवन ने स्पष्टीकरण दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि पहले आईं आकस्मिक बाढ़ को योजना बनाते समय ध्यान में रखा गया था,  किन्तु शुक्रवार का ‘‘सैलाब‘‘ अनुमान से अधिक था और पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया था। प्रवक्ता ने कहा कि नदीतल पर टेंट नहीं लगाए गए और असल में लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें इस साल तैयार किए गए तटबंध से भी दूर ले जाया गया। यह स्षष्टीकरण ऐसे वक़्त में आया है, जब आरोप लग रहे हैं कि बोर्ड ने इस साल गुफा के बाहर नदी के शुष्क तल पर लंगर और टेंट लगाते वक़्त गत वर्ष 28 जुलाई को हुई बादल फटने की घटना की अनदेखी की।

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