गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब के सेवन से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 28 पहुंच गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं लोगों की मौत के लिए जिम्मेदारों की तलाश में एटीएस और क्राइम ब्रांच के अफसर लगे हुए हैं।
गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 28 तक पहुंच गई है। इसके अलावा करीब 30 लोगों का इलाज अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि बरवाला, रानपुर और अहमदाबाद ग्रामीण में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस एसआईटी का भी गठन कर रही है। उन्होंने बताया कि केमिकल को सीधे पानी में मिलाया गया और फिर लोगों को शराब बताकर बेच दिया गया। उन्होंने बताया कि 600 लीटर केमिकल युक्त पानी को शराब के नाम पर 40,000 रुपये में बेचा गया था।
संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही पुलिस
अधिकारियों ने बताया कि भावनगर, बोटाद, बरवाला और धंधुका के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में करीब 30 लोगों का इलाज हो रहा है। इससे पहले गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा था कि पुलिस ने बोटाद जिले से तीन लोगों को हिरासत में लिया है जो कथित तौर पर नकली देशी शराब बनाने और बेचने में शामिल थे। इसके अलावा कुछ और लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामला सोमवार की सुबह तब सामने आया जब बरवाला तालुका के रोजिड गांव और आसपास के अन्य गांवों में रहने वाले कुछ लोगों की हालत बिगड़ने पर बरवाला और बोटाद कस्बों के सरकारी अस्पतालों में उन्हें भर्ती किया गया।
एटीएस भी कर रही जांच
पुलिस महानिरीक्षक (भावनगर रेंज) अशोक कुमार यादव ने कहा था कि घटना की जांच के लिए और नकली शराब बेचने वाले अवैध कारोबारियों को पकड़ने के लिए पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) और अहमदाबाद अपराध शाखा भी जांच में शामिल है।