कन्हैया कुमार का भाजपा पर हमला, जाने क्या कहा

आज से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पार्टी के नेता कन्हैया कुमार ने भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि साल 1990 में भाजपा की रथ यात्रा सत्ता की मांग के लिए थी, जबकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सत्य के लिए है।

एद्व्स्फव्व्स्फ़

7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगी। कांग्रेस पार्टी के महाअभियान को लेकर कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस की पहल केवल राजनीतिक नहीं है। उन्होंने यहां पीटीआई से कहा, “यह देश की सोच का प्रतिनिधित्व करता है जो संविधान की प्रस्तावना में निहित है।”

यह पूछे जाने पर कि यह यात्रा 1990 में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली रथ यात्रा जैसे अतीत में की गई यात्रा से कैसे अलग है? कुमार ने जवाब में कहा, “वह एक राजनीतिक यात्रा थी और सत्ता के लिए थी। जबकि यह यात्रा सत्य के लिए है।”

आडवाणी की यात्रा और कांग्रेस की पहल के बीच अंतर पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मैं उस यात्रा के नकारात्मक प्रभावों में नहीं जाना चाहता, क्योंकि देश इसके नकारात्मक प्रभावों को देख रहा है।” उन्होंने कहा कि वह “लोगों के विचारों का प्रतिनिधित्व” करने वाली कांग्रेस यात्रा के पीछे सकारात्मक मानसिकता पर जोर देना चाहते हैं। कुमार ने कहा, “भाजपा को उस यात्रा से ‘सत्ता’ मिली और यह यात्रा (कांग्रेस) सच्चाई को फिर से स्थापित करेगी। दिखाने की कोशिश है कि यह देश सबके लिए है।”

गौरतलब है कि साल 1990 में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समर्थन में एक जन आंदोलन छेड़ा था। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा, “यह किसी भी भारतीय के लिए बहुत भाग्यशाली है कि उसे कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने का मौका मिलता है। हम लोगों से मिलेंगे, विविध संस्कृतियों, पहनावे, भाषाओं का अनुभव करेंगे।” उन्होंने कहा कि यात्रा के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं- सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक।

उन्होंने आगे कहा, “इस यात्रा की आलोचना के रूप हम सुन रहे हैं कि देश विभाजित है और इसे एकजुट होने की आवश्यकता है। देश भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से विभाजित नहीं है, लेकिन जब आप वर्तमान सरकार के इरादों और नीतियों को देखते हैं, तो एक बड़ा अंतर है। कॉरपोरेट्स के लिए कर-माफी है। दूसरी ओर दूध और दही पर जीएसटी लगाया जा रहा  है जो गरीबों को प्रभावित करता है।”

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