उत्तरकाशी के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू, दो दिन से जल रहे हैं जंगल

जिला मुख्यालय सहित गंगा घाटी यमुना घाटी और टौंस घाटी के निकट के जंगलों में लगी आग विकराल रूप ले रही है। जिसके कारण गंगा घाटी से लेकर यमुना और टौंस घाटी में धुआं ही धुआं छाया हुआ है। मंगलवार की पूरी रात और बुधवार दिन भर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट मुखेम व डुंडा रेंज के जंगल जलते रहे। आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए। जिला अस्पताल में फिजिशियन डा. सुबेग सिंह ने कहा कि आंखों में जलन, लालपन, सांस लेने में दिक्कतें, गले और नाम में इलर्जी की शिकायतों वाले मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। आमजन में यह परेशानी जंगलों में लगी आग के धुएं के कारण हो रही है। जिन व्यक्तियों सांस संबंधित परेशानी हो उनके लिए भी यह धुआं बेहद ही घातक है। जनपद उत्तरकाशी में वन प्रभाग उत्तरकाशी, टौंस वन प्रभाग और अपर यमुना वन प्रभाग आग के लिहाज से संवेदनशील हैं। इन तीनों के जंगल 15 मार्च से लगातार जल रहे हैं। जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है। जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ रही है। सबसे अधिक आग की घटना उत्तरकाशी वन प्रभाग के मुखेम रेंज, डुंडा रेंज, और बाड़ाहाट रेंज में हो रही है। इन तीनों रेंजों के जंगल मंगलवार रात और बुधवार दिन भर जगह-जगह जंगल सुलगते रहे हैं। जंगलों में लगी आग अब चीड़ के जंगलों से होकर बांज बुरांश के जंगलों तक पहुंच रही है। इसके अलावा टौंस वन प्रभाग के पुरोला रेंज के अंतर्गत चंदेली, मखना, देवढूंग, पुजेली व कुमोला के जंगलों में जगह-जगह आग सुलगी। वन विभाग के साथ वन पंचायत व ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आग बुझाने में भी वन विभाग को खासी परेशानियों का सामना वन विभाग को करना पड़ रहा है। आग बुझाने के लिए वन विभाग व ग्रामीण परंपरागत तरीके को अपना रहे हैं। जिसमें पेड़ पौधों की टहनियों को तोड़कर उसी के सहारे आग बुझा रहे है। जिले में जगह-जगह आग लगी होने के कारण उत्तरकाशी जिला मुख्यालय, चिन्यालीसौड़, बडकोट, पुरोला, नौगांव, मोरी, आराकोट क्षेत्र में धुआं ही धुआं फैला हुआ है।
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