हरिद्वार हाईवे पर एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से आइआइटी कर्मचारी की मौत… 

हरिद्वार हाईवे पर मलकपुर चुंगी के पास एक अज्ञात वाहन की चपेट में आकर आइआइटी कर्मचारी की मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। पुलिस चालक की तलाश कर रही है। सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
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एक तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस के मुताबिक मनोज कुमार (45) निवासी राजपुताना कोतवाली गंगनहर आइआइटी कर्मचारी थे। वह बायोटेक डिपार्टमेंट में कार्यरत थे। सोमवार की देर रात वह किसी काम से मलकपुर चुंगी के पास आये थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार वाहन ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वह बुरी तरह से घायल हो गये। हादसे के बाद आरोपित चालक वहां से फरार हो गया। हादसा होते देख आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद घायल को आननफानन में उपचार के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां पर चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव कब्जे में लिया है। अभी तक पुलिस को इस मामले में तहरीर नहीं मिली है। पुलिस मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र चौहान ने बताया कि आरोपित चालक की तलाश की जा रही है। पछवादून में यातायात में बाधक बन रही ई-रिक्शा जागरण संवाददाता, विकासनगर: पछवादून में देहरादून-पांवटा और दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ई-रिक्शा की भरमार हो गई है, जिसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई के बाजारों में ई-रिक्शा की संख्या काफी बढ़ गई है। हालत यह है कि सवारी ई-रिक्शा में नियम विरुद्ध सामान भी ढोया जा रहा है। समस्या की तरफ एआरटीओ का कोई ध्यान नहीं है। एआरटीओ कार्यालय विकासनगर में आठ सौ ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। सवारियों के लिए ई-रिक्शा पैसेंजर और सामान ढोने के लिए ई-रिक्शा कार्ट की श्रेणी बनाई गई है। विकासनगर से झाझरा तक पंजीकृत ई-रिक्शा का संचालन अधिक हो रहा है। मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर ई-रिक्शा के कारण यातायात प्रभावित होना शुरू हो गया है। वैसे तो ई-रिक्शा चार सवारी और एक चालक के लिए पास है, लेकिन पीछे चार सवारियों की बजाय पांच से छह सवारियां तक बैठाई जा रही हैं। पछवादून में ई-रिक्शा कार्ट कम संख्या में है, नियम विरुद्ध सवारी ई-रिक्शा में ही प्लाईबोर्ड, सीमेंट और अन्य सामान ढोया जा रहा है। उधर, एआरटीओ विकासनगर आरएस कटारिया का कहना है कि ई-रिक्शा के लिए कोई रूट निर्धारित नहीं है, राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने पर भी प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री की ई-व्हीकल योजना के तहत इसको बढ़ावा दिया जा रहा है। यदि ई-रिक्शा पैसेंजर में कोई सामान ढोता है तो उसके खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाती है, क्योंकि सामान ढोने के लिए ई-रिक्शा कार्ट बनाई गई है।
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